- ॐ ह्रां ह्रीं ह्रं ॐ स्वाहा, ॐ सं हूं फट् |
- ॐ नमो भगवते विष्णवे सर सर हन हन हूं फट् स्वाहा |
इन मंत्रो को पहले किसी शुभ मुहूर्त्त (रवि-मंगल) के दिन 10 बार जप कर सिद्ध कर ले और हवन भी करे | तदुपरान्त आवश्यकता होने पर मंत्र पढ़कर फूंक मारते हुए भभूत छिड़के, रोगी विष-मुक्त हो जायेगा |
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